जो पूरे जोश से अपने सपनों को पूरा करने की ठान लेते हैं सफलता उनके क़दमों में होती है – चन्दन रॉय

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सोमवार : पटना विमेंस कॉलेज के जनसंचार विभाग द्वारा मदर वेरोनिका एक्सीलेंस हॉल में व्याख्यान “द जर्नी फ्रॉम थिएटर टू ओटीटी प्लेटफार्म” आयोजित किया गया। जिसके मुख्या वक्ता थे पंचायत वेब सीरीज के किरदार “विकास शुक्ला” अभिनेता चन्दन रॉय। अतिथि वक्ता चन्दन रॉय का स्वागत जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष रोमा ने पुष्पगुच्छ देकर किया।कार्यक्रम की शुरुआत में एक विडियो दिखाया गया जिसमे अभिनेता चन्दन रॉय के कुछ वेब सीरीज के क्लिप थे।

अभिनेता चन्दन रॉय को पुष्प गुच्छ से स्वागत करती जन संचार विभागाध्यक्ष रोमा , साथ में प्रशांत रवि (बाएं )
अभिनेता चन्दन रॉय को पुष्प गुच्छ से स्वागत करती जन संचार विभागाध्यक्ष रोमा , साथ में प्रशांत रवि (बाएं )
अभिनेता चन्दन रॉय छात्राओं को संबोधित करते हुए
अभिनेता चन्दन रॉय छात्राओं को संबोधित करते हुए

 अभिनेता चंदन रॉय ने अपने विषय में    बताते हुए कहा की बिहार के वैशाली जिले के महनार के एक गाँव से मुंबई तक का सफ़र चुनौतीपूर्ण व् संघर्ष से भरा है, लेकिन जब आप किसी काम को पूरी लगन व् जोश से करने की ठान लेते हैं तो सफल जरुर होते हैं।अपने बीते दिनों की यादें साझा करते हुए उन्होंने कहा की उनकी स्नातक की पढ़ाई पटना कॉलेज से जन संचार विभाग से पूरी की और साथ साथ अपनीथिएटर की काम को भी जारी रखा।आज भी इस समाज में जहाँ एक सरकारी नौकरी को ज्यादा महत्व दिया जाता है वहां से मुंबई मायानगरी में कला के क्षेत्र में कुछ कर गुजरना किसी युद्ध से कम नहीं। अपनी सफलता का श्रेया उन्होंने अपनी उन हर छोटी बड़ी सीख और नाकामयाबियों को दिया जिसने उन्हें दृढ़ता से अपने मकसद के लिए हमेशा प्रेरित किया। गाँव कस्बों में कैसे फ़िल्में लगती थी और उसे देखने की ललक क्या होती है ये समझाने के लिए उन्होंने कहा की मेरे गाँव में २०१५ में बिजली आई थी। दूरदर्शन पर आने वाली फिल्मों को देख उससे सीखना और फिर अपने सपने का ताना बना बुनना किसी दिवास्वप्न से कम न था।

अपने सफरनामा को आगे बढ़ाते हुए कहा की भारतीय जन संचार संस्थान (iimc), जे एन यू जाना भी सार्थक रहा क्यूंकि वहां थिएटर ने इनकी कलाशिल्प, शैली को और निखार दिया। हालांकि की कैंपस से दैनिक जागरण अखबार दिल्ली में नौकरी मिली पर दिल तो मुंबई में बसा था। सो क्या था एक दिन अपने सपने को बुनने उसे सच करने मायानगरी का रुख किया और फिर संघर्ष और बाधाओं ने कभी टूटने नहीं दिया क्यूंकि बिहार की माती ने जो सिखाया वो काम आया।

अभिनेता चन्दन रॉय के साथ विभाध्यक्ष रोमा (दायें ) व् प्रशांत रवि (बाएं )

सत्र के अंतिम सत्र में  छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए सिनेमा और थियेटर से जुड़ी तकनीकी बातों पर जोड़ दिया और इसी बीच बताया कि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए जीवन में हारना जरूरी है। सिनेमा हो या थियेटर दोनों ही क्षेत्र में सहजता ज़रूरी है। थिएटर में अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा में सहजता रखना और बारीकियों पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है। छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी आप ऑडिशन देते हैं तो उसमें आप अपनी पूरी जी जान लगा दे। कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक अंकिता, अपराजिता, प्रशांत रवि व् गौरव अरण्य मौजूद रहे ।सहायक प्राध्यापक अंकिता ने चंदन रॉय को तहे दिल से आभार प्रकट किया और कॉलेज व् विभाग की तरफ से उनके सफल व् सुखद भविष्य की शुभकामनाएं दी ।

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